Where the mind is without fear poem Meaning in Hindi | मीनिंग इन हिंदी
Where the mind is without fear poem meaning in Hindi: हमारे रोजमर्रा के जीवन में अंग्रेज़ी शब्दों की उपस्थिति हमारी व्याख्या को और भी आकर्षक बनाती है, जब हम उन्हें बातचीत, लिखावट और सामाजिक मीडिया पर प्रयोग करते हैं।
इसलिए हमारे लिए इस प्रकार के शब्द का अर्थ जानना महत्वपूर्ण हो जाता है। तो, इस लेख में आप "Where the mind is without fear poem" का हिंदी में अर्थ जानेंगे ताकि आप इसका अर्थ अच्छी तरह से जान सकें और बातचीत करते समय इसका उपयोग कर सकें।
where the mind is without fear poem Meaning in Hindi | व्हेयर द माइंड इज विथाउट फियर विश हिंदी में
यह एक कविता है जो रबिंद्रनाथ टैगोर ने लिखी है। यह कविता स्वतंत्रता की तलाश को बयान करती है जिसमें व्यक्ति अपनी आत्मा को उन्नत रखने वाला होता है। यह कविता युवाओं के लिए एक उत्तेजना है और रोशनी की तरह हमारा मार्ग दर्शन करती है।
Other Hindi Meanings of where the mind is without fear poem (व्हेयर द माइंड इज विथाउट फियर के अन्य हिन्दी अर्थ)
- कहीं भी हो, वहाँ मनशान्ति हो, जहाँ डर के बिना मन रहेगा।
- जहाँ मन दयालु होागा और अपनी स्वतंत्रता के लिए प्रार्थना की जाएगी।
- जहाँ संशय के साये से ऊपर उठकर सत्य की तलाश की जाएगी।
where the mind is without fear poem शब्द का Parts of Speech
यह एक संज्ञा है।
Synonyms of where the mind is without fear poem
English | Hindi |
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Poem | कविता |
Verse | छंद |
Composition | संग्रह |
Ballad | बाल्लेबाज़ी |
Antonyms of where the mind is without fear poem
English | Hindi |
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Prosaic | प्रजातिवादी |
Non-fictional | गैर-कल्पनात्मक |
Prose | साधारण गद्य |
Narrative | कथात्मक |
Uses Of where the mind is without fear poem in Sentences in English-Hindi | वाक्यों में व्हेयर द माइंड इज विथाउट फियर का प्रयोग
English | Hindi |
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“Where knowledge is free” | “जहाँ ज्ञान निस्संदेह हो” |
“Into that heaven of freedom, my Father, let my country awake.” | “उस मुक्ति के स्वर्ग में, मेरे पिता, मेरा देश जाग उठे।” |
“Where the world has not been broken up into fragments” | “जहाँ दुनिया टुकड़ों में नहीं टूटी हुई है” |
“Where tireless striving stretches its arms towards perfection” | “जहाँ परिश्रम का हमेशा से पलंग हो और उत्कृष्टता की ओर उसके हाथ फैलते हों” |